गार्डन में पौधों को उगाने के कई तरीके होते हैं। इनमें से एक सबसे सरल और प्रभावी तरीका है कटिंग की मदद से पौधों को उगाना। कई पौधे ऐसे होते हैं, जिन्हें कटिंग के माध्यम से उगाना बहुत आसान होता है। इस प्रक्रिया में पौधे की कटिंग लेकर उसे जड़ों को विकसित होने के लिए तैयार किया जाता है और फिर उसे किसी गमले या गार्डन में लगाया जाता है।
हालांकि, कई लोगों को कटिंग लगाने का सही तरीका पता नहीं होता है, जिससे वे पौधों में जड़ों को ठीक से विकसित नहीं कर पाते हैं और कटिंग सूख जाती है। इस लेख में, हम आपको कटिंग लगाने के सही तरीकों के बारे में बताएंगे। इन उपायों की मदद से आप कटिंग को सही ढंग से लगाकर पौधों को सफलतापूर्वक उगा सकते हैं। आइए, जानते हैं कटिंग लगाने का सही तरीका।
कटिंग का मतलब है कि पौधे के किसी हिस्से, जैसे कि तना, पत्ती या जड़, को काटकर उससे नया पौधा उगाना। यह प्रक्रिया न केवल सरल है बल्कि बहुत प्रभावी भी है। कटिंग से उगाए गए पौधे तेजी से बढ़ते हैं और मूल पौधे के समान गुण रखते हैं।
कटिंग से पौधे उगाने के लिए सही पौधे और उनकी कटिंग का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण है। कुछ पौधे, जैसे कि मनी प्लांट, रोज़, हिबिस्कस, तुलसी, और गार्डनिया, कटिंग से आसानी से उगाए जा सकते हैं। जब आप कटिंग के लिए तने का चयन करें, तो यह सुनिश्चित करें कि तना स्वस्थ और बिना किसी रोग के हो। कटिंग लगभग 6-8 इंच लंबी होनी चाहिए और इसमें 3-4 नोड्स होने चाहिए।
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कटिंग काटना: एक तेज और स्वच्छ कैंची का उपयोग करके, पौधे के तने का 6-8 इंच लंबा हिस्सा काटें। कटिंग का निचला हिस्सा नोड के ठीक नीचे होना चाहिए।
पत्तियों को हटाना: निचले हिस्से की सभी पत्तियों को हटा दें, ताकि वह मिट्टी में डालते समय सड़ न जाएं।
हल्दी का उपयोग: कटिंग के निचले हिस्से पर हल्दी पाउडर लगाएं। हल्दी के एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण कटिंग को सुरक्षित रखते हैं और फंगस से बचाते हैं।
सबसे पहले, कटिंग लगाने के लिए किसी खेत या नर्सरी से मिट्टी ले लें। फिर जिस पौधे की कटिंग लगानी है, उसकी कटिंग तैयार कर लें। ध्यान रखें कि कटिंग पेंसिल के जितनी मोटी होनी चाहिए।
कटिंग लगाने से पहले, उसके निचले हिस्से पर फंगीसाइड पाउडर लगा लें। इसके बाद गमले में मिट्टी भरें और कटिंग को उसमें लगभग 3 इंच गहराई तक डालें।
आप फंगीसाइड की जगह एलोवेरा जेल या हल्दी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। कटिंग के निचले हिस्से पर एलोवेरा जेल या हल्दी लगाने के बाद, कटिंग को गमले में लगा दें। इससे कटिंग में फंगस नहीं लगेगा। इन कटिंग को पानी कम मात्रा में दें।
जब गमले की मिट्टी अच्छी तरह सूख जाए, तभी पानी डालें। इसके अलावा, जब तक कटिंग में पत्तियां न निकल आएं, तब तक इसमें खाद न डालें।
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धूप और छाया: कटिंग को ऐसी जगह रखें जहां पर उसे अप्रत्यक्ष धूप मिले। सीधे धूप में रखने से कटिंग सूख सकती है।
नमी बनाए रखना: गमले की मिट्टी को नम रखें, लेकिन पानी का जमाव न होने दें। कटिंग को पानी देने से पहले मिट्टी की ऊपरी परत को जांच लें।
खाद देना: जब कटिंग में पत्तियाँ निकलने लगें, तब उसमें जैविक खाद दें। इससे पौधा तेजी से बढ़ेगा और स्वस्थ रहेगा।
हल्दी का उपयोग न केवल खाने में बल्कि बागवानी में भी फायदेमंद होता है। इसके एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण कटिंग को सुरक्षित रखते हैं और उसे जल्दी जड़ें बनाने में मदद करते हैं। हल्दी का उपयोग करके आप बिना किसी रसायन के अपने पौधों को स्वस्थ रख सकते हैं।
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कटिंग से पौधे उगाना न केवल एक मजेदार गतिविधि है बल्कि यह आपके गार्डन को हरा-भरा बनाने का एक शानदार तरीका भी है। हल्दी के जादुई गुणों का उपयोग करके आप इस प्रक्रिया को और भी प्रभावी बना सकते हैं। इस सरल और प्रभावी विधि का पालन करके, आप आसानी से अपने गार्डन में नई पौधों की संख्या बढ़ा सकते हैं और अपनी बागवानी का आनंद ले सकते हैं।
अपने गार्डन में इस विधि को आजमाएं और हल्दी के जादू से अपनी कटिंग को स्वस्थ और मजबूत बनाएं। इस प्रक्रिया को अपनाकर, आप न केवल अपने गार्डन को सुंदर बना सकते हैं बल्कि पर्यावरण की भी रक्षा कर सकते हैं। कटिंग से पौधे उगाना एक सृजनात्मक और पर्यावरण-संवेदनशील तरीका है, जो आपकी बागवानी की कुशलता को भी बढ़ाता है।
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