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मानसून की बारिश न सिर्फ धरती को हरा-भरा कर देती है, बल्कि यह गुड़हल के पौधों के लिए भी एक नया जीवन लेकर आती है। अगर आप चाहते हैं कि इस साल आपके गुड़हल के पौधे खूबसूरत फूलों से लदे रहें, तो मानसून की शुरुआत में ही उनकी थोड़ी सी देखभाल कर लें।
गुड़हल के फूल इतने खूबसूरत होते हैं कि हर कोई अपने बगीचे में इन्हें लगाना चाहता है। सभी यही चाहते हैं कि उनके पौधे में सालभर गुड़हल के फूल खिले रहें। हालांकि, कुछ पौधों में मानसून आने से पहले ही गुड़हल के फूल आना बंद हो जाते हैं। चिंता न करें, आज हम आपको गुड़हल की देखभाल के कुछ आसान टिप्स बताने वाले हैं, जिससे आप अपने पौधों को मानसून के लिए तैयार कर सकते हैं।
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मानसून से पहले गुड़हल के पौधे की हल्की कटाई करना उसे नया जीवन देने जैसा होता है। जो एक सरल प्रक्रिया है जो पौधे के स्वास्थ्य और फूलों के आने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कटाई से मृत, क्षतिग्रस्त और कमजोर शाखाओं को हटा दिया जाता है, जिससे पौधा अनावश्यक भार से मुक्त हो जाता है और पोषक तत्वों का बेहतर उपयोग करता है। कटाई के बाद पौधे में हवा का प्रवाह भी बेहतर हो जाता है, जिससे पौधे को सांस लेने में आसानी होती है और रोगों का खतरा न के बराबर हो जाता है। कटाई से पौधा नई शाखाओं और पत्तियों को उगाने के लिए प्रेरित होता है, जिसके परिणामस्वरूप अधिक मात्रा में खूबसूरत और चमकीले फूल खिलते हैं।
मानसून से पहले अपने गुड़हल के पौधे में होममेड खाद या उर्वरक डालकर इसे तैयार कर लें जिससे गुड़हल का पौधे दुरुस्त रहे । इसके लिए आप जैविक खाद, गोबर की खाद, या सब्जियों और फलों से बनी होममेड खाद का उपयोग कर सकते हैं। खाद डालने से मिट्टी में पोषक तत्वों की पूर्ति होती है, जिससे गुड़हल के फूल फिर से खिल सकते हैं।
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गुड़हल को अच्छी जल निकास वाली मिट्टी पसंद होती है, जिससे पानी जल्दी से निकल जाए और जमने न पाए। यदि आपके बगीचे की मिट्टी भारी है, तो उसमें रेत या परलाइट मिलाकर उसे हल्का बनाएं। इससे जड़ों को सांस लेने में आसानी होगी और वे सड़ने से बचेंगी। गुड़हल थोड़ी अम्लीय मिट्टी में ज्यादा खुश रहते हैं। अगर आपकी मिट्टी ज्यादा क्षारीय है, तो चिंता की बात नहीं है। उसमें थोड़ा सल्फर या खट्टी खाद मिलाकर उसकी अम्लता बढ़ा सकते हैं।
मानसून के दौरान गुड़हल के पौधों पर कीटों और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, अपने पौधों की नियमित रूप से देखभाल करें। यदि कीट या बीमारी के लक्षण दिखें, तो तुरंत उचित उपाय करें। मृत पत्तियों, टहनियों और गिरे हुए फूलों को हटाकर अपने बगीचे को साफ रखें। इससे कीटों को पनपने का मौका नहीं मिलेगा। स्वस्थ और पोषित पौधे कीटों और बीमारियों से लड़ने में अधिक सक्षम होते हैं। नीम के तेल या लहसुन के अर्क का पतला घोल बनाकर पौधों पर स्प्रे करें। इन छोटे, हरे रंग के चूसने वाले कीटों से बचने के लिए तेज पानी का फव्वारा या हल्के साबुन के पानी का घोल भी स्प्रे कर सकते हैं।
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मानसून के दौरान अपने गुड़हल के पौधों की थोड़ी अतिरिक्त देखभाल से वे पूरे सीजन में सुंदर और स्वस्थ रहेंगे। सही कटाई, खाद, मिट्टी की गुणवत्ता सुधार और कीटों से सुरक्षा के ये उपाय अपनाकर आप अपने गुड़हल के पौधों को अधिक फूलने और खूबसूरत दिखने में मदद कर सकते हैं। इस मानसून, अपने बगीचे को गुड़हल के फूलों की बहार से सजाएं और उनकी सुंदरता का आनंद लें।
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